“मेरी किताब युवाओं की कठिनाइयों और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों से अवगत कराती है, जिन्हे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है” – राजू कुमार झा

राजू कुमार झा

राजू कुमार झा ‘एक धड़कन, दो दिल’ उपन्यास के लेखक हैं। उनकी पुस्तक वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित है। डीडी न्यूज़, दैनिक जागरण, इंडिया न्यूज़, आज तक जैसे प्रमुख समाचार चैनलों के लिए काम करने के बाद, वह अब अपने उपन्यास के साथ हजारों लोगों के दिलों को छू रहे है और उनके जीवन को बदल रहे है।

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लेखक राजू कुमार झा बिहार के एक छोटे से गाँव के रहने वाले हैं, आज युवाओं के जीवन को बदलने के लिए बड़े सपने देखते हैं, राष्ट्र की सेवा करते हैं और छोटे बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।

राजू कुमार झा
राजू कुमार झा

आगे पढ़ें, राजू कुमार झा की पहली पुस्तक, कहानी के पीछे के विचार, उनके संघर्ष, प्रतीक चिह्न, CEDO फाउंडेशन और उनसे जुड़ी बहुत सारी बातों के बारे में।

1. शुरू करते है आपके एक संक्षिप्त परिचय और आपकी पहली किताब- एक धड़कन दो दिल, के अवलोकन से

हाय वीरेंद्र! सबसे पहले, मैं आपको और आपके पाठकों को प्यार के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं एक पंक्ति से शुरू करूंगा- “तन्हा राही अपनी राह चलता है, अब जो भी होगा वो देखा जायेगा “।

मेरा जीवन आसान नहीं रहा है, यह शुरू से ही एक लड़ाई है। मैं बिहार के समस्तीपुर जिले के एक छोटे से गाँव शिव नंदनपुर से हूँ। कड़ी मेहनत और धैर्य के साथ मैंने अपनी पूरी यात्रा में छोटे-छोटे कदम उठाए हैं। मैंने डीडी न्यूज के लिए एक फ्रीलांसर के रूप में शुरुआत की, और फिर दैनिक जागरण, इंडिया न्यूज़, न्यूज़ वर्ल्ड इंडिया और जन तंत्र टीवी के लिए काम किया।

मैंने आज तक के डिजिटल विंग के साथ अपना नया सत्र शुरू किया। अपने काम के दौरान, मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और एक अनोखे तरीके से लिखने की कोशिश की। मेरी पुस्तक, ‘एक धड़कन दो दिल’, कड़ी मेहनत, प्रेम और विशिष्टता का एक ऐसा काम है।

2. आपको अपनी कहानी के पीछे का विचार कहाँ से मिला? क्या पात्र वास्तविक जीवन की घटनाओं से या अपनी स्वयं की कल्पनाओं से आये हैं?

एक बार, एक प्रसिद्ध विचारक या उपन्यासकार ने कहा, “प्रत्येक जीवन एक उपन्यास या एक फिल्म की तरह है”। बस आपको जीवन के कथानक को आकार, रेखा और ऊर्जा देना है। एक बार ऐसा करने के बाद, आप भी एक उपन्यासकार हैं।

मेरी पुस्तक के सभी पात्र वास्तविक जीवन से प्रेरित हैं। कहानी का कुछ हिस्सा काल्पनिक है, जबकि कुछ हिस्सा वास्तविक जीवन की घटनाओं से है। मैंने उस व्यक्ति से वादा किया है कि मैं किसी के साथ उसका वास्तविक नाम नहीं बताऊंगा। लेकिन एक बात पक्की है- किरदार वास्तविक और जीवंत हैं।

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3. एक धड़कन, दो दिल किताब के साथ आपका उद्देश्य क्या था? आप क्या संदेश देना चाहते हैं?

मेरी किताब का मुख्य उद्देश्य युवाओं के बारे में छिपी हुई सच्चाइयों को सामने लाना है, जिन कठिनाइयों का वे सामना करते हैं, साथ ही साथ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों से भी अवगत कराना, जिन्हे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। कहानी से पता चलता है कि प्यार करना आसान नहीं है, लेकिन युवाओं को कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहिए, जैसे कि प्यार या दिल टूटने के कारण आत्महत्या करना।

मैंने बाइपोलर डिसऑर्डर  और पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) पर भी चर्चा की है। ये बीमारियां खतरनाक हैं, लेकिन अक्सर सभी को नजरअंदाज कर दिया जाता है। पाठक इन बातों को समझेंगे और सीखेंगे कि जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। प्यार कुछ भी बदल सकता है।

4. क्या आप हमेशा से ही एक लेखक बनना चाहते थे? 

नहीं, मैं कभी लेखक नहीं बनना चाहता था। जब मैं एक बच्चा था, मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं एक डॉक्टर, इंजीनियर, आईपीएस आदि बनूँ। मैं एक छोटे से गांव से हूं, जहां कोई भी नहीं जानता था कि लिखना भी एक पेशा हो सकता है। मुझे किसी दिन लेखक बनने का कोई ज्ञान या विचार नहीं था।

लेकिन आज, मैं लिखने के बारे में आश्वस्त हूं। मैं यह कर सकता हूँ ।

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5. पुस्तक के लिए पाठकों से किस प्रकार के रिव्यु मिल रहे है?

रिव्यु अद्भुत और अविश्वसनीय हैं। लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि मैंने यह कैसे किया। ‘एक धड़कन दो दिल’ किताब सबके लिए है, चाहे आप प्यार में हों या नहीं।

कुछ पाठकों ने मुझसे पूछा कि नौकरी, पारिवारिक दबाव, जीवन के संघर्ष आदि के दौरान किसी से प्यार करना क्या किसी के लिए संभव भी है। मेरी किताब इन सभी सवालों के जवाब देती है। प्रेम और प्रेमी कभी नहीं मरते। यही मेरी पुस्तक दिखाती है।

6. जब आप लेखन की बात करते हैं, तो आप अपना आदर्श किसे मानते हैं? कोई पसंदीदा लेखक?

मेरे सबसे पसंदीदा लेखक नागार्जुन जी और मुंशी प्रेमचंद जी हैं। मैं दिनकर जी और कर्पूरी ठाकुर जी की धरती से आता हूं। मैंने 10 साल की उम्र में गोदान किताब पढ़ी थी। उस समय मुझे लिखने का कोई विचार नहीं था, न ही मेरे माता-पिता का। हम किसान पृष्ठभूमि से आते हैं। भारत में, किसानों की स्थिति से हर कोई वाकिफ है।

7. कृपया हमारे पाठकों के साथ पुस्तक में से कुछ अपनी पसंदीदा पंक्तियाँ साझा करें?

ज़रूर। 

“भूलने की बात करते हो उसे, भूलना इतना आसान है क्या? ये चाँद, ये सूरज, ये जमीन, ये आसमान, ये धरती कभी किसी को भूल पाए, जो मैं उसे कैसे भूल जाऊ। भुलाने के लिए मैंने मोहब्बत नहीं की है। तुम खाना, जीना, सांसे लेना भूल पाए क्या, तो मैं उसे कैसे भूल जाऊ?

शाम का वक्त था मेरे हाथों में मोबाइल था, मै इधर उधर देखते हुए सड़क पार कर रहा था। अचानक फ़ोन की घंटी बजी और बस एक वर्ड जो मेरे कानो में सुनाई दिया वो कभी भुला नहीं जा सका।  

राज… राज…  वो कहती रही और मैं बस सुनता रहा…

आज भी याद है उसके वो पुराने दिन जब सावन के दिनों में बारिश में भींग कर भी वो मिलने, मुझे देखने आ जाया करती थी। लेकिन अब पुरे 10 साल हो गए, वो आई भी तो इस हाल में देखने …

आरती को कभी भुला नहीं पाउँगा, बस वो मेरी हो या नहीं, मै उसका हमेशा रहूँगा…”

ये पंक्तियाँ मुझे हमेशा छूती है। मैं किसी भी प्रेमी को अपने जीवन के प्यार को खोते देखने की कल्पना करना पसंद नहीं करूंगा।

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8. आप बच्चों के लिए एक एनजीओ भी चलाते हैं। आपका इस महान पहल के पीछे क्या उद्देश्य है?

हां, मैं CEDO फाउंडेशन चलाता हूं। हमारे पास प्रेरित सदस्यों की एक टीम है, जिसमे ज्यादातर युवा लड़के और लड़कियां हैं। हमारी टीम इस एनजीओ को अपने खर्च पर चलाती है और पैसा हमारे खुद के वेतन और आय से आता है। हमें किसी भी नेता, पार्टी, या स्रोतों से कोई मौद्रिक सहायता नहीं मिलती है।

CEDO फाउंडेशन बीपीएल कार्ड धारक परिवारों, बेरोजगारों और बाल श्रमिकों के लिए काम करता है। हमारा उद्देश्य ग्रामीणों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार के अवसर और आवश्यक ज्ञान प्रदान करना है।

9. कैसे और कहाँ से इच्छुक पाठक आपकी पुस्तक प्राप्त कर सकते हैं?

‘एक धड़कन दो दिल’ किताब अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है। इन साइटों पर पुस्तक के नाम के साथ खोजें और ऑर्डर दें। वैकल्पिक रूप से, आप मुझे पुस्तक प्राप्त करने के लिए फेसबुक मैसेंजर पर भी पिंग कर सकते हैं।

10. क्विक-फायर राउंड:

किताबों ने आपको जीवन में क्या सिख दी है ?

जीवन में हमेशा सकारात्मक रहें। रास्ते में बहुत सारी परेशानियाँ होंगी, लेकिन इन परेशानियों से बचाव करना और लड़ना सीखें। लोग क्या कहते हैं, इसके बारे में बिलकुल न सोचे। खुद को सकारात्मक रखें।

जीवन में आपके अन्य जुनून क्या हैं?

कविता पढ़ना, समाचार लेखन, तटस्थ पत्रकारिता और शिक्षण।

– वह सपना क्या है जिसे आप मरने से पहले पूरा करना चाहते हैं?

मैं प्रत्येक बच्चे, युवा और लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करते देखना चाहता हूं। मैं आसमान में केवल एक नाम लिखा हुआ देखना चाहता हूं, वह भी सुनहरे अक्षरों में- द ग्रेट इंडिया और गरीबी से मुक्त 

यदि आपको अपने बारे में एक पुस्तक लिखनी होती, तो आप इसे क्या नाम देते?

वह मेरे लिए बहुत बड़ा दिन होगा। जब भी ऐसा होगा, मैं इसे- “अंडर लैंड” नाम दूंगा।

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11. राजू कुमार झा के रोडमैप में आगे क्या है?

मैं एक पत्रकार हूं और इस क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं। एक धड़कन दो दिल के पाठकों से मुझे जिस तरह की समीक्षा मिल रही है, मैं इन पाठकों और प्रशंसकों के लिए आगे भी लिखना चाहता हूं।

अंत में, मैं फिर से आपको और आपकी टीम को इतने अच्छे मौके के लिए धन्यवाद कहना चाहूंगा।

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